• About Us
  • Contact Us
ncert-college-main-logo.png
  • Home
  • लेटेस्ट न्यूज़
  • योजना
  • नौकरी
  • शिक्षा
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
No Result
View All Result
  • Home
  • लेटेस्ट न्यूज़
  • योजना
  • नौकरी
  • शिक्षा
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
No Result
View All Result
ncert-college-mobile-logo.png
No Result
View All Result
Home शिक्षा

स्कूलों में थिएटर, नाटक, संगीत और दृश्य कला होंगे अनिवार्य: NCERT का नया निर्देश

Ncert College by Ncert College
12.07.2025
in शिक्षा
0

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने हाल ही में एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार अब भारत के सभी स्कूलों में थिएटर, नाटक, संगीत और दृश्य कला को शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाएगा। यह कदम नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) 2023 के अंतर्गत लिया गया है और इसका उद्देश्य छात्रों के समग्र मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और रचनात्मक विकास को बढ़ावा देना है। NCERT ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह नीति सभी बोर्ड्स CBSE, राज्य बोर्ड्स और निजी स्कूलों पर समान रूप से लागू होगी।

क्या है NCERT का नया दिशा-निर्देश?

NCERT के इस नए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि शिक्षा केवल अकादमिक प्रदर्शन तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। अब से कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के छात्रों को थिएटर, नाटक, संगीत, नृत्य और चित्रकला जैसी कलात्मक गतिविधियों में भाग लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए स्कूलों को अपनी टाइमटेबल में एक निश्चित अवधि आवंटित करनी होगी। हर हफ्ते कम से कम 2 पीरियड कला शिक्षा के लिए निर्धारित किए जाएंगे।

यह पहली बार है जब भारत में शिक्षा नीति इस स्तर पर रचनात्मकता को बढ़ावा देने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रही है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी स्कूलों को समान रूप से साधनों और प्रशिक्षित स्टाफ की व्यवस्था करनी होगी।

👉 Also Read: केंद्रीय विद्यालय शिक्षक भर्ती, बिना लिखित परीक्षा के निकली भर्ती

उद्देश्य क्या है?

इस योजना के पीछे कई स्पष्ट उद्देश्य हैं:

👉 Also Read: केंद्रीय विद्यालय शिक्षक भर्ती, बिना लिखित परीक्षा के निकली भर्ती
  1. बच्चों की रचनात्मक सोच को निखारना और उन्हें आत्म-अभिव्यक्ति के नए मंच देना।
  2. सामूहिक कार्य की भावना को विकसित करना, जिससे छात्र एक टीम के रूप में काम करना सीखें।
  3. भारतीय पारंपरिक और लोक कलाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाना और उन्हें संरक्षित करना।
  4. पढ़ाई के तनाव और मानसिक दबाव को कम करने के लिए रचनात्मक माध्यम देना।
  5. भावनात्मक और सामाजिक बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देना ताकि छात्र जीवन की जटिलताओं से बेहतर तरीके से निपट सकें।

स्कूलों की भूमिका और तैयारी

अब हर स्कूल को एक “स्कूल आर्ट्स पॉलिसी” बनानी होगी जिसमें यह तय किया जाएगा कि कौन-कौन सी कलात्मक गतिविधियां किस स्तर पर कराई जाएंगी। साथ ही, हर स्कूल को:

  • प्रशिक्षित कला शिक्षक नियुक्त करने होंगे।
  • संगीत वाद्ययंत्र, रंग मंच, पेंटिंग किट्स, ऑडियो-विजुअल साधनों की व्यवस्था करनी होगी।
  • वर्ष में कम से कम दो बार सांस्कृतिक आयोजन करना अनिवार्य होगा जिसमें छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
  • स्थानीय कलाकारों और रंगमंच समूहों के साथ साझेदारी करने की सलाह दी गई है ताकि बच्चों को वास्तविक मंच का अनुभव मिल सके।

छात्रों को मिलने वाले लाभ

इस बदलाव से छात्रों को कई स्तरों पर लाभ मिलेगा:

  • आत्मविश्वास में बढ़ोतरी और मंच पर प्रस्तुति का अनुभव।
  • मानसिक तनाव में कमी और भावनात्मक स्थिरता।
  • कला से जुड़े करियर विकल्पों के प्रति रुचि।
  • अलग-अलग सांस्कृतिक परंपराओं की समझ और सम्मान।
  • रचनात्मक लेखन, कविता, कहानी, नाटक लेखन जैसी क्षमताओं का विकास।

अभिभावकों और समाज की भागीदारी

अभिभावकों को भी यह समझने की आवश्यकता है कि “कला कोई फालतू विषय नहीं” बल्कि एक आवश्यक जीवन कौशल है। उन्हें अपने बच्चों को कला गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। वहीं समाज को भी स्कूलों में स्थानीय सांस्कृतिक परंपराओं को लाने में सहयोग देना चाहिए।

शिक्षकों की भूमिका सिर्फ ज्ञान देने की नहीं, बल्कि प्रेरक बनने की भी है। वे बच्चों की प्रतिभा को पहचानें, उन्हें मंच दें और लगातार उन्हें आगे बढ़ने के लिए उत्साहित करें।

निष्कर्ष

NCERT का यह फैसला शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव है। जब कला, शिक्षा का अभिन्न अंग बनेगी तो बच्चे केवल अच्छे विद्यार्थी नहीं बल्कि अच्छे इंसान बनेंगे। थिएटर, नाटक, संगीत और दृश्य कला के माध्यम से उनका मानसिक और सामाजिक विकास तेज़ होगा और वे भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे। यह कदम शिक्षा को एक समग्र और मानवीय स्वरूप देने की दिशा में निर्णायक साबित होगा।

📑 संबंधित स्टोरीज़
केंद्रीय विद्यालय शिक्षक भर्ती, बिना लिखित परीक्षा के निकली भर्ती
बिहार बीएड काउंसलिंग 2025: पहले राउंड का रिजल्ट घोषित, जानें आगे की प्रक्रिया
REET CERTIFICATE के लिए अब जरूरी होंगे ये दस्तावेज़: जानिए पूरी प्रक्रिया
Tags: art education in schoolCBSE कला शिक्षा नियमNCERT education policyNCERT NCFNCERT नया आदेश 2025नाटक संगीत कला स्कूलशिक्षा में दृश्य कलास्कूलों में थिएटर अनिवार्य
Previous Post

C-DAC भर्ती 2025: सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग में निकली बंपर भर्ती

Next Post

Lava Bold 5G: कम कीमत में दमदार फीचर्स जाने पूरी खबर

Ncert College

Ncert College

Next Post

Lava Bold 5G: कम कीमत में दमदार फीचर्स जाने पूरी खबर

नौकरी

IB भर्ती 2025 : 4987 पदों पर 10वीं पास करें आवेदन

17.08.2025
शिक्षा

केंद्रीय विद्यालय शिक्षक भर्ती, बिना लिखित परीक्षा के निकली भर्ती

17.08.2025
नौकरी

नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेस में सुपरवाइजर की भर्ती, एसे करें आवेदन

17.08.2025
टेक्नोलॉजी

Lava Bold 5G: कम कीमत में दमदार फीचर्स जाने पूरी खबर

17.08.2025

Follow on Social

Facebook WhatsApp Telegram X

Browse by Catgory

  • Uncategorized
  • टेक्नोलॉजी
  • नौकरी
  • योजना
  • लेटेस्ट न्यूज़
  • शिक्षा
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms and Conditions

© 2025 NCERT College – सभी अधिकार सुरक्षित। भारत की विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट। Trusted Hindi News Portal for Latest News, Scheme, Job, Education, Technology, Entertainment & More.

No Result
View All Result
  • Home
  • लेटेस्ट न्यूज़
  • योजना
  • नौकरी
  • शिक्षा
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन